
बड़ी खबर: देवबंद के बास्तम गांव में तेंदुए की दस्तक से मची दहशत, खेतों में काम रोकने को मजबूर हुए ग्रामीण
ड्रोन से हो रही निगरानी, वन विभाग ने लगाया पिंजरा, गांव में दहशत का माहौल
रिपोर्ट: एलिक सिंह | वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ | सहारनपुर
स्थान: देवबंद, सहारनपुर | दिनांक: 26 मई 2025
सहारनपुर जनपद के देवबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बास्तम में एक तेंदुए के देखे जाने से पूरा गांव खौफ के साये में आ गया है। ग्रामीणों के अनुसार यह तेंदुआ गन्ने के खेतों में छिपा हुआ है। इस खबर के फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया और खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई।
घटना की जानकारी ऐसे हुई उजागर
सुबह लगभग 8 बजे बास्तम गांव के कुछ ग्रामीण गन्ने के खेत में काम कर रहे थे, तभी अचानक एक बड़ा जानवर चलता हुआ दिखाई दिया। पहले तो लोगों ने उसे कुत्ता या कोई और जानवर समझा, लेकिन जब उसकी चाल और शरीर की बनावट देखी गई तो पता चला कि वह एक तेंदुआ है।
घबराए ग्रामीणों ने तुरंत स्थानीय पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ड्रोन कैमरों से निगरानी शुरू कर दी गई।
सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम
- गांव के आसपास पिंजरा लगाया गया है ताकि तेंदुआ किसी इंसान या पशु को नुकसान पहुंचाने से पहले पकड़ में आ सके।
- गांव के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
- पुलिस और वन विभाग की टीम गांव में गश्त कर रही है और माइक से लाउडस्पीकर पर ग्रामीणों को खेतों और बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
- विशेषज्ञ टीम को राजाजी टाइगर रिजर्व और बिजनौर वन प्रभाग से बुलाया गया है।
ग्रामीणों में डर और बेचैनी
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार है जब उन्होंने अपने इलाके में तेंदुआ देखा है। किसान सुरेश पाल ने बताया,
“हम खेतों में गन्ना काटने गए थे, तभी अचानक एक बड़ी बिल्ली जैसा जानवर सामने आया। हम डर के मारे खेत में ही लेट गए और धीरे-धीरे बाहर निकले।”
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
देवबंद के तहसील प्रशासन और वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को यह सलाह दी गई है:
- अकेले खेतों में न जाएं
- बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने दें
- रात के समय खेतों की ओर बिलकुल न जाएं
- किसी भी हरकत की तुरंत सूचना प्रशासन को दें
वन विभाग का बयान
वन क्षेत्राधिकारी एस.के. शर्मा ने बताया:
“हमें तेंदुआ होने की पुष्टि ग्रामीणों और ट्रैकिंग फुटप्रिंट्स से मिली है। पिंजरा लगाया जा चुका है, ड्रोन कैमरे और कैमरा ट्रैप से निगरानी की जा रही है। हमारी टीम हर स्तर पर प्रयासरत है कि तेंदुआ सुरक्षित पकड़ा जाए और ग्रामीणों को कोई नुकसान न हो।”
पिछली घटनाओं से तुलना
यह पहली बार नहीं है जब सहारनपुर जिले में वन्यजीवों की मौजूदगी देखी गई है। इससे पूर्व नागल और बेहट क्षेत्र में भी तेंदुए की मौजूदगी की खबरें आई थीं, लेकिन पहली बार घने आबादी वाले गांव में इस तरह की दहशत देखी जा रही है।
निष्कर्ष
यह घटना वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर करती है। वन विभाग और प्रशासन को न केवल तेंदुए को पकड़ने की जिम्मेदारी निभानी होगी, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए स्थायी समाधान और जनजागरूकता अभियान भी चलाने होंगे।
✍️ एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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